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शिक्षा विभाग में फर्जी संविलियन, फर्जी वेतन घोटाले मामले में अधिकारीयों ने लेनदेन करके किया मामले को रफादफा, आवेदक का आरोप

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गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के शिक्षा विभाग में घोटाला तो लगातार बढ़ता जा रहा है, कार्यवाही के अभाव में कुछ कर्मचारियों के हौसले इतने बुलंद है की घोटालेबाजों को जरा भी नौकरी का डर नही होता है, अब इसके पीछे राजनीतिक संरक्षण या पैसों का दबाव बहरहाल जो भी हो, ऐसे कुछ फर्जी कर्मचारियों की वजह से आज पूरा शिक्षा विभाग बदनाम है। संदेह के घेरे में है, ऐसे फर्जी शिक्षक जिनको ना तो बच्चों के भविष्य से कोई मतलब होता है ना ही नियम कायदा कानून से,

दरअसल आज हम बात कर रहे है शिक्षिका अभिलाषा राय की है जो की शिक्षिका के पद पर पदस्थ जरूर है, लेकिन भर्ती होने के बाद से आज तक ना इन्होंने स्कूल का मुंह देखा है और ना ही बच्चो का , ना ही बच्चो ने इनका मुंह देखा है, उसके बावजूद अभिलाषा राय का फर्जी तरीके से संविलियन भी किया जा चुका है, उक्त पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा करीब 6 महीने पूर्व सौंपा गया था परन्तु आज तक उक्त मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई है, जबकि सूत्रों की माने तो उक्त प्रकरण में शिक्षिका दोषी मिली है, उसके बावजूद मामले को लंबित करके रखना संदेह उत्पन्न करता है ,वही उक्त मामले में अब आवेदनकर्ता ने डीईओ पर लेनदेन करके मामले को रफादफा करने का आरोप भी लगाया है,

क्या था प्रकरण..

मरवाही के बरगंवा में पदस्थ शिक्षिका अभिलाषा राय का फर्जी तरीके से सविलियन किया गया है, और सरकारी राशि का जमकर दुरुप्रयोग करते हुए जमकर लाभ पहुंचाया जा रहा है, श्रीमती अभिलाषा राय सहायक शिक्षक (एल. बी.) वर्तमान पदस्थापना प्राथमिक शाला बरगंवा विकास खंड मरवाही में पदस्थ हैं…. जिसकी निम्न बिंदुओं में जांच हेतु आवेदन दिया गया था,

1. यह है कि अभिलाषा राय सहायक शिक्षक की प्रथम नियुक्ति दिनांक 12/09/2008 को प्रा. शाला बा. कुम्हारी में हुई ।

2. यह की श्रीमती राय दिनांक 03/03/2009 से 28/07/2017 लगातार 8 वर्षो तक अनुपस्थित रही है, उसके बाद दिनांक 29/07/2017 को शाला पर उपस्थित हुई, लगातार 8 वर्षों तक अनुपस्थित रही श्रीमती राय को सेवा से पृथक किया जाना था, परंतु राजनीतिक पहुंच के चलते सेवा पृथक की कार्यवाही नहीं की गई।

3. यह है की अभिलाषा राय के लगातार अनुपस्थित रहने के उपरांत भी इन्हे संविलियन का लाभ देते हुए सहायक शिक्षक (एल.बी.) दिनांक 01/07/2018 से लाभ प्रदान किया गया जो की विधि एवं न्याय संगत नहीं है।

04 .यह है की दिनांक 01/07/2018 से 31/12/2018 तक किस संस्था में पदस्थ रहते हुए कार्य किया गया, किसी प्रकार का अभिलेख नहीं है जो जांच का विषय है।

05. अभिलाषा राय दिनांक 13/02/2019 से 10/11/2019 के बीच किस संस्था में रहे जिसकी कार्यरत का प्रमाण नहीं है।

06. यह की श्रीमती राय निरंतर शाला में अनुपस्थित रही है, जिसके उपरांत भी 123 दिनो का अर्जित और 92 दिनो का असाधारण अवकाश किस आधार से दिया गया है जो बड़ा शंका को जन्म देता है।

07. श्रीमती अभिलाषा राय के आवेदन दिनांक 23/01/2023 पर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के 24/01/2023 के द्वारा कार्य भार ग्रहण करने की पत्र जारी किया गया।

08. यह है कि इतनी लंबी अवधि तक शाला में अनुपस्थित रहने के उपरांत जिला मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र के बिना कार्यभार ग्रहण कराया गया, जिनमे तत्कालिन जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है

09. मरवाही विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पत्र क्रमांक के द्वारा पत्र क्रमांक संस्था 03/2023-24, 1816 मरवाही दिनांक 16/01/2024 में दिए गए जानकारी के अनुसार श्रीमती अभिलाषा राय की वेतन

भुगतान सविलियन उपरांत 01/07/18 से किया गया है, श्रीमती राय को नियुक्ति उपरांत आज तक किए गए वेतन भुगतान की अवधि का विस्तृत जांच किया जाना भी अति आवश्यक है,

10. तत्कालीन विकास खंड शिक्षा अधिकारी मरवाही एवम तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा वित्तीय अनियमितता करते हुए शासन को लाखो का क्षति पहुचाई गई है।

दिलचस्प बात यह है की इतने गंभीर मुद्दे में लिखित शिकायत होने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई सुनिश्चित नही हो सकी है।

Saket Verma
Author: Saket Verma

A professional journalist

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