कोरबा। ग्राम दादरखुर्द में एक दंपति ने बेईमानीपूर्वक आशय से जमीन विक्रय के नाम पर 16 लाख 50 हजार रुपये प्राप्त कर धोखाधड़ी की। मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सत्यानंद प्रसाद की अदालत ने आरोपी सुरेशचंद्र तिवारी व उनकी पत्नी सुधा तिवारी को दोषसिद्ध पाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक धारा में 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण की शिकायत पीड़ित जगदीश मिश्रा ने दिनांक 10.07.2020 को मानिकपुर पुलिस सहायता केंद्र, थाना-कोतवाली में दर्ज कराई थी। बिहार सरकार से सेवानिवृत्त अंडर सेक्रेटरी रहे जगदीश मिश्रा वर्तमान में बिलासपुर में निवास करते हैं। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के पश्चात निवेश हेतु उन्होंने अपने छोटे भाई मदन मिश्रा के माध्यम से अरुण त्रिपाठी से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि दादरखुर्द निवासी सुरेशचंद तिवारी अपनी पत्नी सुधा तिवारी के नाम की जमीन बेचना चाहते हैं।
भूमि पसंद आने पर 16.50 लाख रुपये देकर रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन नामांतरण के दौरान पता चला कि जमीन सुधा तिवारी के नाम पर है ही नहीं। रुपए वापसी की मांग पर धमकी और मारपीट की गई। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी दंपति पर IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया।
शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक एसके मिश्रा ने पैरवी की। अदालत ने अर्थदंड न अदा करने की स्थिति में प्रत्येक धारा में 6-6 माह अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतने का आदेश भी पारित किया है।

Author: Ritesh Gupta
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