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कलेक्टर-ठेकेदार-बाबू’ गठजोड़ ने DMF को बना डाला लूट का खदान!पूरा तंत्र था लूट में शामिल – अब बाबू भी कटघरे में

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DMF घोटाला: बाबुओं की करतूतें आईं ACB के रडार पर, कटघोरा-पाली-पोड़ी में सरकारी धन की खुली लूट!
कोरबा। कोरबा जिले में जिला खनिज न्यास निधि (DMF) के नाम पर सरकारी खजाने की जिस तरह बंदरबांट की गई, उसकी परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल में हुए करोड़ों के DMF घोटाले की जांच में अब ACB की नजर उन बाबुओं पर है, जिनकी कलम से ठेके पास होते थे और जिनके बिना कोई भुगतान संभव नहीं था।
ACB ने हाल ही में पाली, पोड़ी उपरोड़ा और कटघोरा जनपद पंचायत में पदस्थ रहे तत्कालीन बाबुओं को तलब कर कड़ी पूछताछ की है। इनमें पोड़ी और पाली के बाबू सूर्यवंशी और शर्मा, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, भी शामिल हैं। वहीं कटघोरा जनपद के बाबू भारद्वाज, जो अब भी सेवा में हैं, से भी कई दौर की पूछताछ हुई।
सूत्रों की मानें, तो ठेकेदारों ने ACB के समक्ष साफ तौर पर कबूल किया है कि DMF के कामों को स्वीकृति दिलाने, भुगतान कराने और फाइलें सरकाने के एवज में इन बाबुओं की जेबें गर्म की गईं। यानी सिर्फ नेताओं और अधिकारियों ने ही नहीं, नीचे के स्तर पर भी मलाई खूब बांटी गई।प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा अब आम हो गई है कि DMF की गंगा में ठेकेदारों के साथ बाबुओं ने भी जमकर डुबकी लगाई। हर फाइल की कीमत तय थी, और भुगतान बिना कमीशन के नामुमकिन।
अब सवाल यह है कि क्या ACB इस लूट के खेल में शामिल सभी किरदारों को बेनकाब कर पाएगी? या फिर कुछ रसूखदार एक बार फिर जांच की फाइलों के नीचे दब जाएंगे?
जनता जवाब चाहती है — आखिर DMF जैसे जनहितकारी फंड को भी लूटने वालों पर कब गिरेगी गाज?
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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