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शिक्षक नहीं, ‘तनख्वाहखोर’ निकला हेडमास्टर – हफ्ते में एक दिन स्कूल, फिर भी पूरी हाजिरी! कोरबा में शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई उजागर, जनता के दबाव में निलंबित हुआ लापरवाह प्रधानपाठक

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हफ्ते में एक दिन स्कूल आकर भरते थे हाजिरी, लापरवाह हेडमास्टर पर गिरी गाज – निलंबित
कोरबा में शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल, ग्रामवासियों के आक्रोश के बाद हुई कार्रवाई
कोरबा। “शिक्षक नहीं, तनख्वाहखोर!” – ऐसा कहने पर लोग अब हिचकिचाएंगे नहीं, क्योंकि कोरबा के करूमौहा शासकीय प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक आनंद तिवारी ने ऐसा ही किया। सप्ताह में केवल एक दिन स्कूल आकर पूरे हफ्ते की हाजिरी लगाने वाले इस हेडमास्टर की पोल आखिरकार खुल गई और अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
ग्राम पंचायत, जनपद सदस्यों और ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत की, तो प्रशासन हरकत में आया। जांच में साफ हो गया कि आनंद तिवारी केवल कागज़ों पर उपस्थिति दर्ज कर शाला को अपने हिसाब से चला रहे थे। न अध्यापन कार्य, न समय की पाबंदी, न दैनंदिनी पंजी का संधारण – पूरे स्कूल को मज़ाक बनाकर रख दिया गया था।
यह पहली बार नहीं है जब इनके खिलाफ शिकायत हुई हो – पहले भी अनुशासनहीनता के चलते वेतनवृद्धि रोकी गई थी, लेकिन सुधार की बजाय लापरवाही का स्तर और बढ़ता गया। कारण बताओ नोटिस का भी जवाब नहीं देने पर अब जिला शिक्षा अधिकारी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत निलंबित कर दिया है।
अब उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोरबा रहेगा, और निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा – “ऐसे शिक्षकों पर लगाम जरूरी है, वरना बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।”
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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