Search
Close this search box.

छुरीकला में शासकीय जमीन पर कब्जा और सौदेबाज़ी का खुला खेल! प्रशासन बना मूकदर्शक, किसान और जनता उग्र

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

कोरबा/छुरीकला। नगर पंचायत छुरीकला में शासकीय भूमि की लूट का घिनौना खेल वर्षों से चल रहा है और हैरानी की बात यह है कि गौचर भूमि, मुक्तिधाम, स्कूल, डिपो और कोसा कार्यालय तक को नहीं छोड़ा गया है! जमीन दलालों ने सरकारी जमीनों को कूट रचना कर निजी संपत्ति में बदल दिया और खुलेआम खरीदी-बिक्री कर करोड़ों का खेल खेल लिया।
शिकायतें ढेर, कार्रवाई शून्य – दलाल बेखौफ
पूर्व पार्षदों और क्षेत्रीय नागरिकों ने इस गंभीर फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बार-बार जिला प्रशासन और राजस्व विभाग से गुहार लगाई, लेकिन आज तक कोई ठोस जांच या कार्रवाई नहीं हुई। इससे साफ है कि या तो प्रशासन सो रहा है या मिलीभगत कर रहा है!
किसानों का आक्रोश: “हमारी ज़मीनें छीनी जा रही हैं, अफसर खामोश हैं”
किसान रामविलास देवांगन सहित कई ग्रामीणों ने जनदर्शन में कलेक्टर को आवेदन दिया था। उन्होंने बताया कि खसरा नंबर 49/1 की शासकीय भूमि को कूट रचना से 49/8 में बदलकर अवैध बटांकन किया गया और राजस्व रिकॉर्ड में नाम चढ़ाकर जमीन बेच दी गई।
हल्का पटवारी की साजिश उजागर, फिर भी कोई ठोस जांच नहीं
एक हल्का पटवारी को निलंबित किया गया और कुछ आरोपियों पर अपराध भी दर्ज हुआ, लेकिन आगे की जांच और कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
भाजपा नेता की बैठक, ज्ञापन और आदेश भी बेअसर!
भाजपा नेता कुंवर राजवर्धन प्रताप सिंह के निवास पर क्षेत्रीय लोगों ने बैठक कर कलेक्टर को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर कार्यालय ने 19 फरवरी 2024 को तहसीलदार दर्री को जांच के निर्देश दिए, लेकिन एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई!
अब मुख्यमंत्री से गुहार – “हमें न्याय चाहिए!”
किसान और क्षेत्रवासी अब सुशासन तिहार समाधान शिविर में मुख्यमंत्री को पत्र सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले हैं।
प्रशासन की चुप्पी बनी जनाक्रोश का कारण
लोग अब खुलकर सवाल उठा रहे हैं—”क्या प्रशासन खुद इस खेल में शामिल है?”
शासन-प्रशासन की कथनी और करनी में फर्क अब गांव की गलियों तक चर्चा का विषय बन चुका है।
जब शासकीय जमीन ही सुरक्षित नहीं, तो कौन है जिम्मेदार?
छुरीकला की जनता पूछ रही है—क्या गौचर और मुक्तिधाम की जमीनें भी दलालों की बपौती बन जाएंगी?
और प्रशासन कब तक आंख मूंदकर बैठा रहेगा?
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

Leave a Comment

और पढ़ें