बिना पुताई भी 10 हजार आहरण, पंचों ने लगाया भ्रष्ट्राचार का आरोप
0 पेयजल व्यवस्था, हेंडपम्प व पचरी मरम्मत, मुरुमीकरण पर भी निकाली बेहिसाब राशि, ग्रामीणों को नही दिखता कार्य.
बिलासपुर/कोटा:- ग्राम पंचायत रमदेई सरपंच सचिव के मिलीभगत से नवीन पंचायत भवन कार्यालय के लोकार्पण से पहले ही इसके मरम्मत के नाम से 1.51 लाख रुपए का आहरण कर बंदरबांट कर लिया गया। वही पुताई कार्य के नाम पर भी 10 हजार की राशि निकाली गई है। सरपंच और सचिव द्वारा किये गए इस राशि आहरण की जानकारी पंचो को होने पर उन्होंने सीधे तौर पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगा जांच की मांग की है।
शासन- प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर सरकारी पैसे हड़पे कैसे जाते हैं, यह कोई ग्राम पंचायत रमदेई के सरपंच- सचिव से सीखे। जिन्होंने अपने स्तर पर पूर्व में चालाकी तो जरूर दिखाई लेकिन अब मामला सामने आने के बाद पंचो और ग्रामीणों को जवाब नही दे पा रहे है। बिलासपुर जिले के कोटा जनपद अंतर्गत एवं कोरबा जिले के सीमा से लगा यह पंचायत गत 2020 में ग्राम पंचायत सीस से विलग होकर नवीन पंचायत के आस्तित्व में आया, जहां के प्रथम निर्वाचित महिला सरपंच सीमा भरत जायसवाल है। नए पंचायत के अस्तित्व में आने के बाद यहां पंचायती कामकाज संचालन के लिए लाखों के कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति शासन से मिली और निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया। वर्ष 2022 में उक्त भवन बनकर तैयार हो गया और जिसका लोकार्पण 29/08/2022 को किया गया।
लेकिन भ्रष्ट्र नियत को लेकर सरपंच- सचिव ने ऐसा खेला किया जो सीधे तौर पर भ्रष्ट्राचार और बंदरबांट को दर्शा रहा है। सरपंच- सचिव ने नवीन पंचायत भवन लोकार्पण के पहले ही इसके मरम्मत के नाम पर रिचार्ज बाउचर की तिथि 20/06/2022 को 1.51 लाख और रंग- रोगन के नाम पर 29/06/22 की तिथि में 10 हजार की राशि 15वें वित्त आयोग मद से निकाली है, जिसका खुलासा जियोटैग से हुआ है। जब इस बाबत यहां के पंचों से जानकारी चाही गई तब वे भी सरपंच- सचिव के गजबे कारनामे सुनकर एक पल को भौचक रह गए फिर कहा कि यह सीधा- सीधा भ्रष्ट्राचार है। उन्होंने बताया कि उनके पंचायत की सरपंच का पूरा पंचायती कार्यभार पति अथवा रिश्तेदार सम्हाल रहे है और सचिव से मिलीभगत कर सरकारी धनराशि के मनमाने दोहन को अंजाम दे रहे है। पंचों ने आगे बताया कि पंचायत में होने वाले किसी भी कार्य की जानकारी उन्हें नही दी जाती और आय- व्यय का ब्यौरा भी नही बताया जाता।
पंचायत में मनमानी को खुलकर अंजाम दिया जा रहा है और कई कार्यों के नाम पर राशि निकाली गई है जो धरातल पर नजर नही आता और जो नजर आ रहा वह नवीन पंचायत के अस्तित्व में आने से पहले के कार्य है। यहां ग्रामीणों के नजरों में न दिखने वाले पेयजल व्यवस्था के कार्य, हेंडपम्प और पचरी मरम्मत एवं मुरुमीकरण के कार्य भी कराकर बेहिसाब राशि निकाल दुरुपयोग किया गया है, जो जियोटैग में दर्ज है। जिसे अगले खबर में प्रसारित किया जाएगा। बहरहाल पंचों ने सरपंच के कार्यकाल के राशि आहरण और कागजों पर दर्शाए गए सभी कार्यों के जांच की मांग की है।

Author: Ritesh Gupta
Professional journalist