कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 18 सितम्बर 2024 : पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड के अधिकतर ग्रामीण व किसान हाथी से हो रहे नुकसान को लेकर काफी चिंतित हैं डर के साये में जीवन तो जी ही रहे हैं वही उनकी आमदनी का रास्ता फसलों को भी हाथी बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन विभाग किसानो के नुकसान के अनुरूप उन्हें सही मुवावजा राशि नहीं दे रहा है जिससे किसानों में वन विभाग व प्रशासन के खिलाफ जमकर आक्रोश हैं तमाम मुद्दों के विषय मे आज क्षेत्र के सभी किसान चोटिया मे एकत्रित होकर जनआंदोलन किये।
कोरबा जिले के चोटिया ग्राम मे भारी संख्या मे ग्रामीणों का हुजूम देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी परेशानिया कितनी भयानक होगी, दरअसल ये ग्रामीण पिछले कई वर्षो से हाथी के आतंक का शिकार हो रहे हैं। जिसमे कितनो कि जाने चली गई, हजारों एकड़ फसले बर्बाद हो गई, लेकिन वनविभाग व प्रशासन मुकदर्शक बनकर सहयोग के नाम पर महज लीपापोती कर रहा है। जिससे नाराज आक्रोशित ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन का फैसला लिया। आंदोलन के दौरान 8 बिन्दुओ पर इन्होने मांगे रखी जिसमे मुख्य मुवावजा राशि बढ़ाने, झटका तार लगाने, क्षेत्र मे बड़े अधिकारीयों का दौरा इन सब मांगो को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया गया।
हांथी प्रभावित किसानों की 8 बिन्दुओं पर मांग –
इधर विभाग व प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन शांत हुआ और 15 दिनों का किसानों से समय माँगा गया है जहाँ उक्त समयाअवधि तक किसानो कि समस्याओं का समाधान किया जायेगा, वही तहसीलदार व केंदई रेंजर ने कहा कि प्रशासन से उपलब्ध सभी सुविधाएं किसानो को दी जाती हैं वही पत्रकारों ने सवाल किया की समस्याओं का समाधान आखिर क्यों नहीं हो रहा, किसानो को आंदोलन करने कि जरूरत क्यों पड़ रही है जिसके जवाब में अधिकारियो ने अपनी प्रतिक्रिया दी की किसानो कि मांगे जायज है उनकी मांगो को उच्च अधिकारियो तक पहुंचाया जाएगा।
किसानो निम्न बिन्दुओ पर मांग रखी है जैसे कि हाथियों को रिजर्व एरिया मे रखा जाये, प्रत्येक गांव मे पावर झटका तार किसानो के लिए व्यवस्था किया जाये, फसल क्षति राशि बढाकर 1 लाख 50 हजार प्रति हेक्टेयर कि जाये, विद्युति करण कि व्यवस्था सुदृढ़ कर सोलर लाइट मुहैया कराई जाये, मुवावजा प्रकरण मे हो रहे धांधली कि जांच कर पात्र किसानों का प्रकरण जल्द से जल्द बनाई जाये, हाथी प्रभावित क्षेत्रो मे जिला व संभाग स्तर के अधिकारियो का दौरा सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि जमीनी हकीकत व परेशानीयों से वे भी रूबरु होते रहे, बेजा कब्ज़ा मे काबिज फसल कि क्षति पूर्ति व काबिज आवासो कि क्षति पूर्ति प्रकारण बनाई जाए और जनहानि व पशु हानि कि राशि मे भी वृद्धि कि जाए, इन तमाम बिंदुओं पर किसानो ने वन विभाग व प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी है।

Author: Saket Verma
A professional journalist