पीडब्लूडी विभाग बैठा मौन
कोरबा/कटघोरा 6 अक्टुबर 2024 : भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जनजीवन मिशन का मूल उद्देश्य गाँव गाँव तक लोगो को पानी पहुंचाना है। लेकिन इस कार्य मे ठेकेदार और अधिकारियों की मिली भगत से जमकर भ्रष्टाचार करने में लगे हैं। और क्यों न करें जब जिम्मेदार अधिकारी का शय मिले तो ठेकेदार क्यों ने मनमांनी करें। शासन की महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगाने व कार्य के समय अनियमितता बरतने कोई कोताही नही बरती जा रही है।
हम बात कर रहे है कटघोरा से पसान स्टेट हाईवे की जहां ग्राम तुमान और जटगा के बीच में जलजीवन मिशन में कार्यरत ठेका कंपनी BTL जो कि पाइप लाइन बिछाने का कार्य कर रही है। लेकिन कंपनी के ठेकेदार इस कदर मनमांनी कर रहा है कि मुख्य सड़क मार्ग के दोनों कॉलर को खोद दिया गया, जो कि नियमानुसार गलत है। सड़क के सेंटर से 12 मीटर तक कोई भी खुदाई नही करनी है। लेकिन BTL के ठेकेदार की मनमांनी इस कदर हावी है कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़क के दोनों कॉलर को ही खोद डाला। जबकि नियम कहता है की सड़क का कालर सड़क का बेस होता है। लेकिन इसके बावजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं है।
ठेकेदार से मोटी कमीशन ले रहे पीडब्लूडी अधिकारी
शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना जलजीवन मिशन पर कोरबा जिले में जिस तरह ठेकेदार द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है इससे साफ जाहिर होता है कि जिले व ब्लॉक के पीडब्लूडी विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से यह कार्य सम्भव है। कटघोरा से पसान मार्ग पर तुमान व जड़गा के बीच की सड़क के मुख्य मार्ग पर BTL कम्पनी के ठेकेदार द्वारा सड़क के दोनों कालर को खोद देना पीडब्लूडी के अधिकारियों की मिलीभगत ही प्रतीत हो रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि पीडब्लूडी के अधिकारी ठेकेदार से मोटी कमीशन लेकर साइड विजिट नही करते है और ठेकेदार अपनी मानमानी से काम को अंजाम दे रहे हैं। इसका नतीज़ा है कि कार्य को अपने मनमाफिक कर रहे हैं और सड़क के दोनों कालर को खोद दिया गया।
सबसे बड़ी बात की ठेकेदार की मनमांनी इस कदर हावी हैं कि फारेस्ट लैंड में भी खुदाई कर अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। ग्राम डूमरमुड़ा में BTL कंपनी के ठेकेदार द्वारा फारेस्ट लैंड में जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही है। लेकिन फ़ॉरेस्ट अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नही दे रहे हैं। ठेकेदार द्वारा विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर अपने कार्य को पूरा करने में जुटे हुए हैं। लेकिन बिना कमीशन के यह कार्य सम्भव नहीं हैं। फारेस्ट के अधिकारियों की मिली भगत से यह कार्य ठेकेदार बेधड़क कर रहा है।
जलजीवन मिशन में इस कदर भ्रष्टाचार योजना को पलीता लगाने के बराबर है। जिला प्रशासन द्वारा इस तरह के ठेकेदारों पर जांच उपरांत उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है। जिससे शासन की महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा सके।

Author: Ritesh Gupta
Professional journalist