भाजपा सरकार में ही भाजपा के जिला पंचायत सदस्य और सभापति की बात नहीं सुनी जा रही है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही: शाला प्राथमिक ठेंगाडांड में शिक्षकों की तैनाती को लेकर उठे विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। जिला सदस्य एवं सभापति ने कलेक्टर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विद्यालय में चार शिक्षक पदस्थ हैं, उसके बावजूद स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। युक्तिकरण (Rationalization) नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

सभापति ने कहा —
> “मैंने कई बार कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों को लिखित रूप में अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर भाजपा सरकार में भाजपा के ही जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनी जा रही, तो आम जनता की कौन सुनेगा?”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब यह मामला सीधे मुख्यमंत्री के पास जाएगा, ताकि शिक्षा विभाग और प्रशासन की अनदेखी पर उचित कार्रवाई हो सके। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि निर्वाचित प्रतिनिधि की बातों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है, तो यह शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।
Author: Ritesh Gupta
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