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गौरेला पेंड्रा मरवाही: वनकर्मियों के कारनामे का खुलासा: करोड़ों की इमारती लकड़ी की तस्करी में हिस्सेदार वनकर्मी विष्णु और संजय, जानिए क्या कहा सरपंच ने

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गौरेला पेंड्रा मरवाही: मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परिक्षेत्र के अन्तर्गत अमारू और तिलोरा के जंगलों में बेखौफ़ वन तस्कर जंगलों की बेशकीमती लकड़ी को काटकर खुलेआम तस्करी कर रहे हैं। इस तस्करी के पीछे वन विभाग की कर्मचारियों की सीधी मिली भगत है। जिसका नतीजा है कि जंगलों में रात-दिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। ताजा मामला मरवाही वन मंडल के पेंड्रा रेंज का है जहां वेखौफ वन तस्करों ने सगौन, शीशम के बेशकीमती सैकड़ों पेड़ काट डाले। मामले का खुलासा स्थानीय सरपंच द्वारा किया गया है।

सरपंच ने बताया की जंगलों में सैकड़ो इमारती लकड़ी की कटाई की जा चुकी है और वन तस्कर ट्रकों में तस्करी करते है, जिसमे वन कर्मी विष्णु जायसवाल और संजय पैंकरा भी संलिप्त है, तस्करो से मिलकर वन कर्मियों के द्वारा ही लकड़ी की तस्करी कराई जाती है ,वही लकड़ी तस्करी की शिकायत करने वाले स्थानीय सरपंच को भी अब वन विभाग के कर्मचारी और तस्कर देख लेने की बात कह रहे हैं। जिन्होंने बेशकीमती लकड़ी तस्करी के खेल का खुलासा किया है।

बताते चले कि पेंड्रा रेंज अमारु, तिलोरा,खरदी, देवरी,पंडरिया के जंगलों से लड़कियों की तस्करी काफी दिनों से चल रही है। वन तस्कर जमकर बेशकीमती पेड़ काट रहे है यहाँ खेल वनकर्मी विष्णु जायसवाल और संजय पैंकरा के साथ मिलकर खेला जा रहा है। वनकर्मियों की मिली भगत से तस्कर जमकर सिल्ली बनाकर बेच रहे हैं। मीडिया के पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि इसमें पेंड्रा वन परिक्षेत्र के तिलोरा बिट गार्ड विष्णु जायसवाल और अमारु बिट गार्ड संजय कुमार पैंकरा की मिलीभगत है। इसके लिए एक तस्कर महीने में वन कर्मियों को लाखो रूपए तक देते हैं।

जब इस मामले की पड़ताल करने पर क्या मिला जाने

रिपोर्टर ने तस्कर अमारु संतकुमार से बात कर करते बोला की मकान बनवा रहा लकड़ी की जरूरत है? जवाब- कौन, मेरा मेरा नम्बर कहां से मिला। रिपोर्टर- … बोल रहा हूं, परिचित ने नंबर दिया, सिल्ली मिल जाएगी? जवाब- कितनी चाहिए, मिल जाएगी। रिपोर्टर- 25 चाहिए, क्या रेट लगेगा? जवाब- कोटमी तक पहुंचाकर 800 के हिसाब से देंगे। आपको ले जाना होगा आगे। हम घर तक ले जाएंगे तो 12 सौ एक सिल्ली का लगेगा और पकड़े जाने का रिस्क आपकी नहीं रहेगी रिपोर्टर- कोटमी के बाद पकड़े गए तो? जवाब- आपके पार उतना टाइट नहीं है। वैसे आपको यहां से दूर पड़ेगा। रिपोर्टर- मैं बाहर रहता हूं तो गांव तरफ के बारे में नहीं जानता। जवाब- ठीक है तो भिजवा देंगे।

दो करोड़ से अधिक की लकड़ी पार हो रही जंगल से

24 हजार पेड़ कट रहे हर साल पड़ताल में खुलासा हुआ है कि हर रोज 100 सिल्ली स्थानिया जगहों पर भेजी जा रही है। एक सिल्ली आठ सौ रुपए में तो सौ सिल्ली पर हर रोज 80 हजार मिल रहा है। इस तरह माह में 24 लाख की इमारती लकड़ी पार हो रहा है वहीं साल में आठ माह भी पेड़ों की कटाई हो रही है तो साल में दो करोड की लकड़ी की तस्करी की जा रही है। वहीं हर रोज 100 पेड़ की कटाई हो रही है तो आठ माह में कटने वाले पेड़ों की संख्या 24 हजार तक जाती है।

ग्रामीणों से जब इस संबंध में जांच पड़ताल की गई तो पाया गया कि पेड़ो की कटाई से लेकर सिल्ली तक ,सिल्ली से लेकर दरवाजा बनाकर सप्लाई तक तक एक बड़ा सिंडीकेट ऑपरेट हो रहा है , जिसके मुख्य मास्टर माइंड वन कर्मी है जिनके द्वारा ही इसका पूरा संचालन किया जाता रहा है,

रेंजर साहब मस्त , जंगल ध्वस्त 

ग्रामीणों ने बताया की पेंड्रा के रेंजर साहब फोन नही उठाते और जब मीडिया के द्वारा उक्त मामले में पेंड्रा वन परिक्षेत्र अधिकारी से संपर्क किया गया तो इसकी पुष्टि हुई की वाकई में रेंजर साहब अपने में मस्त है उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया जाता ,

Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional journalist

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