गौरेला पेंड्रा मरवाही, 29 अप्रैल 2025/ लोगों को शीघ्र एवं सस्ता न्याय सुलभ कराने के लिए नेशनल लोक अदालत का आयोजन आगामी 10 मई शनिवार को व्यवहार न्यायालय पेण्ड्रारोड में किया जा रहा है। लोक अदालत विवादों को आपसी समझौते के द्वारा सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है, जहां लंबित या विवादपूर्वक कारणों का आपसी समझाईश एवं सुलह के आधार पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में निराकरण कराया जाता है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु आवेदन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में सचिव, उच्च न्यायालय विधिक सहायता समिति बिलासपुर तथा निकटवर्ती जिले में अध्यक्ष-सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय एवं तहसील में वरिष्ठ न्यायाधीश-अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति पेण्ड्रारोड के समक्ष आवेदन दिये जा सकते हैं।
अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति पेण्ड्रारोड श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बताया कि लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय पेण्ड्रारोड में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों को नोटिस जारी की जा रही है। न्यायधीशों एवं पैरा लीगल वालिंटियर्स के माध्यम से लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु पक्षकारों के मध्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत में पैरालीगल वालिंटियर्स के माध्यम से मोहल्ला लोक अदालत में आवेदन प्रस्तुत करने हेतु भी जन संपर्क कर आवेदन प्राप्त किया जा रहा है। इस हेतु विद्युत विभाग, वन मण्डल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगरपालिका, लीड बैंक मैनेजर के साथ बैठक कर अधिक से अधिक लंबित राशि वसूली हेतु प्रीलिटिगेशन प्रकरण प्रस्तुति हेतु चर्चा की गई एवं पक्षकारों को जागरूक करने हेतु निर्देशित किया गया है।
आगामी 10 मई को व्यवहार न्यायालय पेण्ड्रारोड में लोक अदालत का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिलासपुर श्री सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। लोक अदालत में सिविल, दांडिक, राजस्व, श्रम, मोटर दुर्घटनादावा, बैंक, बीमा, विद्युत, रेल्वे ट्रिब्यूनल आपरेटिव, दूरभाष, डाकतार, आयकर, विक्रयकर, ईधन आपूर्ति, स्थानीय निकाय तथा अन्य न्यायिक व अर्द्धन्यायिक संस्थानों एवं फोरम आदि में लंबित मामलों का निपटारा किया जाता है। लोक अदालत का अधिनिर्णय सिविल न्यायालय के डिक्री या किसी अन्य न्यायालय का आदेश के समान प्रभावशील होता है। लोक अदालत में निराकृत प्रकरणों में न्यायालय शुल्क की छूट प्रदान की जाती है तथा पूर्व में लगाये गये न्यायालय शुल्क को भी वापस किया जाता है। लोक अदालत का निर्णय अंतिम होता है, जिसकी अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत में पारित अवार्ड-आदेश की प्रतिलिपि पक्षकारों को निःशुल्क प्रदान की जाती है।

Author: Ritesh Gupta
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