बिलासपुर, 4 मई 2025 – NEET जैसी राष्ट्रीय परीक्षा से एक रात पहले बिलासपुर शहर में रात भर बिजली गुल रही, जिससे हजारों छात्र-छात्राओं की नींद और परीक्षा तैयारी और मानसिक तैयारी पर बुरा असर पड़ा। शनिवार रात से लेकर सुबह तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप रही, जबकि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई मदद या जानकारी नहीं दी गई।
विधायक सोते रहे, डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्री भी चुप
जिस शहर में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव रहते हैं और जहां से तोखन साहू जैसे केंद्रीय मंत्री सांसद हैं, उस शहर की जनता इस तरह अंधेरे और गर्मी में तड़पती रही। वहीं, स्थानीय विधायक सरकारी बंगले में चैन की नींद लेते पाए गए। बंगले में जनरेटर चल रहा था, लेकिन शहर का आम छात्र और नागरिक बिजली के बिना तड़प रहा था।
जनता पूछ रही है सवाल: जब आपके ही शहर का शासन दिल्ली और रायपुर दोनों में है, फिर भी ये हाल क्यों?
बिजली विभाग की बेतरतीब व्यवस्था, अधिकारियों की बेपरवाही, और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी अब जनता को चुभने लगी है। अभिभावकों और नागरिक संगठनों ने एक सुर में मांग की है कि इस लापरवाही के लिए जवाबदेही तय हो, और भविष्य में परीक्षा जैसी परिस्थितियों में बिजली जैसी मूलभूत सुविधा बाधित न हो।
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव बिलासपुर से ही आते हैं, और यहां के सांसद तोखन साहू वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। इतने प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी के बावजूद यदि जनता को NEET जैसे महत्वपूर्ण मौके पर अंधेरे और गर्मी में तड़पना पड़े, तो यह सीधे-सीधे प्रशासनिक निष्क्रियता और जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
NSUI प्रदेश सचिव सूर्या प्रताप सिंह ने कहा,
“भा.ज.पा के विधायक, उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के होते हुए बिलासपुर शहर का ये हाल है, यह शर्मनाक है। छात्र और जनता दोनों ही अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएंगे। यह केवल एक बिजली कटौती का मामला नहीं है, यह भा.ज.पा शासन की नैतिक विफलता का एक और उदाहरण है। हम इस मामले में जवाबदेही की मांग करते हैं और इस लापरवाही के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।”

Author: Ritesh Gupta
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