हाईकोर्ट से लिपिक गुर्जर को राहत !अधिवक्ता अमन तंबोली की ओर से रिट दायर की गई थी,
गौरेला पेंड्रा मरवाही: लगातार दो बार बर्खास्तगी के भी लगातार अपनी हक की लड़ाई लड़ना काबिले तारीफ है , बोलते है न सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं ,,उसको यथार्थ कर दिखाया मरवाही वन मंडल में पदस्त लिपिक परमेश्वर गुज्जर ने जिनके हौसले के सामने एक बार फिर वन विभाग को अपने गलत फैसले के लिए हाइकोर्ट के सामने झुकना पड़ा,
मरवाही वन मंडल में पदस्थ लिपिक परमेश्वर गुज्जर जिसको DFO मरवाही द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था ,वन विभाग से बर्खास्त बाबू हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। हाईकोर्ट ने डीएफओ की ओर से जारी किए गए आदेश पर रोक लगा दी। लिपिक परमेश्वर गुज्जर ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इन लिपिक से काम कराया जाए। अधिवक्ता अमन तंबोली की ओर से रिट दायर की गई थी। उक्त मामले में हाइकोर्ट के द्वारा तत्काल स्टे आदेश जारी किया, जिसके बाद बर्खास्तगी आदेश को स्थगित कर पुनः सेवा में बहाली का आदेश डीएफओ के द्वारा जारी किया गया है।
दरअसल मामला मरवाही बनमण्डल का है जहां पर पूर्व एस डी ओ और प्रभारी डी एफओ रहते संजय त्रिपाठी ने लिपिक गुर्जर को द्वेष भावना से कूटरचना कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक तरफा बर्खास्त किया था जिसकी अपील लिपिक ने सीसी एफ बिलासपुर को कर हाईकोर्ट में अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था कोर्ट के दिये निर्देश पर सी सी एफ बिलासपुर ने एक उच्य स्तरीय कमेटी गठित कर बर्खास्तगी प्रकरण की जांच कराई और संजय त्रिपाठी के जांच और बर्खास्तगी को नियम विरुध्द मान पुनः सेवा में लिया गया परन्तु कुछ समय बाद ही पुनः उसी शिकायत की विभागीय जांच कराने का आदेश तत्कालीन डी एफ ओ ससि कुमार ने जारी कर दिया ,
और जांच अधिकारी आर के सिदार ने बिना तथ्यों के लिपिक के जेल में रहते संजय त्रिपाठी के प्रभाव में आ कर जांच रिपोर्ट गुर्जर के खिलाफ में डी एफ ओ मरवाही को तीन दिन बेक डेट में प्रस्तुत कर दिया प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर डी एफ ओ मरवाही ने भी हाईकोर्ट के स्थगन के बाद भी लिपिक को एक तरफा बर्खास्त कर दिया …पीड़ित लिपिक ने पुनः हाईकोर्ट बिलासपुर में अवमानना पिटीशन दायर किया आखिर कार डी एफ ओ मरवाही ने अपने आदेश क्रमाक/स्था./247 दिनाक 30-12-2024 को अपने बर्खास्तगी आदेश को स्थगित कर बहाल कर दिया गया है! प्रकरण की पैरवी हाईकोर्ट अधिवक्ता अमन तम्बोली ने की है।

Author: Ritesh Gupta
Professional journalist