मरवाही – क्षेत्र के शिक्षा विभाग में एक नाम लगातार चर्चा में बना हुआ है – दिलीप पटेल, जो वर्तमान में बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) मरवाही के पद पर पदस्थ हैं। सवाल यह है कि आखिर दिलीप पटेल को मरवाही से ऐसा क्या लगाव है कि वे वर्षों से इसी क्षेत्र में टिके हुए हैं, जबकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, वसूली और प्रशासनिक अनियमितताओं की ढेरों शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
सूत्रों के अनुसार, जब पटेल एबीओ (सहायक खंड शिक्षा अधिकारी) थे, तब भी उन्होंने मरवाही में ही लंबा कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद उन्होंने कथित रूप से सिफारिश और जुगाड़ के ज़रिए बीईओ पद प्राप्त कर लिया और एक बार फिर मरवाही में ही अपनी पदस्थापना सुनिश्चित की। शिकायतों के बाद उन्हें हटाया गया, लेकिन कुछ समय बाद वे दोबारा बीईओ बनकर मरवाही लौट आए।
स्थानीय शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि दिलीप पटेल अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। स्कूली संसाधनों की खरीदी से लेकर स्थानांतरण और अन्य प्रशासनिक कार्यों में आर्थिक लेनदेन की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इतना ही नहीं, इनके खिलाफ संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को कई बार शिकायतें भेजी गई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
जनता और शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी अब यह जानना चाहते हैं कि जब शिकायतें स्पष्ट हैं और सबूत मौजूद हैं, तब भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक संरक्षण है या फिर प्रशासनिक उदासीनता?
मरवाही की जनता मांग कर रही है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए ताकि शिक्षा व्यवस्था पर लोगों का भरोसा बना रहे।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT