छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूलों को बोर्ड लगाकर बतानी थी फीस: मनमाने तरीके से वसूल रहे फीस,
गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में बाल संरक्षण आयोग के आदेश की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही है, दरअसल,प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर मनमानी रोकने के लिए यह कदम आयोग की ओर से उठाया गया है। आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ अशासकीय फीस विनियमन और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार फीस होगी।
छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूल अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। उन्हें स्कूलों के बाहर 4 गुना 8 फीट का बोर्ड लगाकर तय की फीस की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। साथ ही इसे स्कूल की वेबसाइट पर भी दिखाना होगा। इसे लेकर बाल संरक्षण आयोग ने आदेश जारी कर दिया है।
आयोग की ओर से जारी किए गये पत्र में लिखा है कि स्कूल फीस के अलावा कई नाम से अतिरिक्त कैपिटेशन फीस पालकों से वसूली जा रही है। यह आरटीई अधिनियम की धारा 13 में 10 गुना जुर्माने से दंडनीय अपराध है। फीस विनियमन अधिनियम की धारा 12 में स्कूल की प्रबंधन समिति के सदस्यों पर भी चार गुना जुर्माने से दंडनीय है। आदेश को जारी हुए 3 महीना हो चुका है परंतु इस आदेश का पालन धरातल पर नजर नहीं आ रहा है प्राइवेट स्कूल संचालक खुल्लम खुल्ला इस आदेश की धज्जियां शिक्षा विभाग के अधिकारियो के संरक्षण में उड़ा रहे है,
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से पालक हर साल परेशान रहते हैं। प्राइवेट स्कूलों के द्वारा कई तरीकों से बच्चों से मनमानी फीस वसूली जाती है,
इसको लेकर पहले भी कई आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। मनमानी फीस वसूली की शिकायतों के आने के बाद अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्ती दिखाई थी। लेकिन उसके बावजूद जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियो की लापरवाही या मिलीभगत से प्राइवेट स्कूलो द्वारा अभी भी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है,

Author: Ritesh Gupta
Professional journalist