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कोटवारी भूमि पर बड़ा प्रशासनिक एक्शन: डॉ. केसी देवनाथ समेत कई लोगों द्वारा खरीदी गई जमीन का अंतरण अपास्त, शासन के नाम दर्ज

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कोरबा। कोटवारों को सेवा के बदले प्रदान की गई सरकारी जमीनों की बिक्री और नामांतरण के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश के बाद तहसीलों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में भैंसमा तहसीलदार श्री के.के. लहरे ने कोरबा अनुभाग के ग्राम कुकरीचोली की कोटवारी भूमि का नामांतरण अपास्त करते हुए उसे शासन के नाम दर्ज किया है।
कोटवारों की सेवा भूमि पर अवैध खरीद-फरोख्त का मामला
कोटवारों को पूर्व से सेवा भूमि के रूप में दी गई जमीनों पर कई स्थानों पर अवैध तरीके से खरीदी-बिक्री हो रही थी और नामांतरण भी अन्य लोगों के नाम दर्ज किए जा रहे थे। शासन की मंशा के अनुरूप कलेक्टर ने इन प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए सभी तहसीलदारों को सख्त निर्देश दिए कि कोटवारी भूमि का नामांतरण निरस्त कर उसे पुनः शासन के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
ग्राम कुकरीचोली में डॉ. केसी देवनाथ समेत अन्य पर कार्रवाई
भैंसमा तहसील के अंतर्गत ग्राम कुकरीचोली में निम्नलिखित प्रकरणों में कोटवारी भूमि का नामांतरण अपास्त किया गया है:
डॉ. केसी देवनाथ व अन्य –
खसरा नंबर 377/1 से 0.158 हेक्टेयर
खसरा नंबर 376 से 0.215 हेक्टेयर
खसरा नंबर 377/1 से 0.101 हेक्टेयर
खसरा नंबर 377/1 से 0.081 हेक्टेयर
अनिता कौशिक व अन्य – खसरा नंबर 377/1 से 0.045 हेक्टेयर
मंजू जायसवाल व अन्य – खसरा नंबर 377/1 से 0.040 हेक्टेयर
कनिका चक्रवर्ती व अन्य – खसरा नंबर 377/1 से 0.012 हेक्टेयर
कुल 0.652 हेक्टेयर कोटवारी भूमि का नामांतरण अपास्त कर उसे शासन के नाम पर दर्ज किया गया है।
जिले में कुल 63 प्रकरणों में हो रही है कार्रवाई
जिले के विभिन्न तहसीलों में अब तक ऐसे 63 प्रकरण चिन्हित किए गए हैं, जिनमें कोटवारी भूमि का नामांतरण निजी व्यक्तियों के नाम पर किया गया था। इनमें से –
भैंसमा में 16,
कटघोरा में 8,
दीपका में 8,
हरदीबाजार में 7,
बरपाली में 10,
पोड़ी उपरोड़ा में 2,
कोरबा में 2
दर्री में 6,
पाली में 4 मामले सामने आए हैं।
इन सभी मामलों में कार्रवाई जारी है और संबंधित भूमियों को शासन के रिकॉर्ड में पुनः दर्ज किया जा रहा है।
कलेक्टर के निर्देशों का सख्ती से पालन
कलेक्टर अजीत वसंत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोटवारों की सेवा भूमि की बिक्री पूर्णतः अवैध है और ऐसा पाए जाने पर तत्काल नामांतरण अपास्त करते हुए भूमि को शासन के नाम दर्ज किया जाए। कलेक्टर के निर्देशों का सभी तहसीलदारों द्वारा गंभीरता से पालन किया जा रहा है।
प्रशासनिक सख्ती से रोके जाएंगे भविष्य के अनियमितता के प्रयास
यह कार्रवाई न केवल अवैध जमीन खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाएगी, बल्कि भविष्य में कोटवारी सेवा भूमि के दुरुपयोग को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगी। शासन की जमीन की सुरक्षा और पारदर्शी प्रशासनिक प्रक्रिया को यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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