कोरबा – कोरबा जिले के गौशाला क्षेत्र में सरकार की जमीन पर खुलेआम कब्जा कर माफिया द्वारा होटल और भोजनालय चलाया जा रहा है, और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। पशु चिकित्सालय की बेशकीमती जमीन, जो मवेशियों की सेवा के लिए आरक्षित थी, आज भ्रष्टाचार और राजनीतिक सांठगांठ का अड्डा बन चुकी है।
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि चिंदु अग्रवाल ने इस गंभीर मामले पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि कुछ रसूखदारों की शह पर अवैध रूप से सरकारी जमीन पर होटल-रेस्टोरेंट का संचालन किया जा रहा है। यह न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि पशु चिकित्सालय के कार्यों में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है।
श्री अग्रवाल के अनुसार, यह जमीन विशुद्ध रूप से शासन की है, जिसे पशु चिकित्सालय और गौसेवा के लिए आवंटित किया गया था। मगर आज वहां होटल-रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं, जहां भोजन और गंदगी के कारण मरीज पशुओं और आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस अवैध कब्जे के पीछे स्थानीय प्रभावशाली लोगों का संरक्षण बताया जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो यह भ्रष्टाचार और अतिक्रमण की मिसाल बनकर अन्य जगहों पर भी ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देगा।
पूर्व सांसद प्रतिनिधि ने मांग की है कि तत्काल इस अतिक्रमण को हटाया जाए, होटल-रेस्टोरेंट बंद कर कानूनी कार्यवाही की जाए और पशु चिकित्सालय की भूमि को मूल उद्देश्य के लिए बहाल किया जाए। प्रश्न उठता है – क्या प्रशासन माफियाओं के आगे घुटने टेक चुका है? या फिर इस गोरखधंधे में कोई बड़ा खेल चल रहा है?

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT