गौरेला, छत्तीसगढ़:
गौरेला के शांत जंगलों और भट्टा टोला की गलियों में सट्टा और जुए का अवैध खेल जोरों पर है। रानीझाप के घने जंगलों की आड़ में चल रहा यह काला कारोबार अब खुलेआम लोगों की जिंदगी को बर्बाद कर रहा है। वहीं, भट्टा टोला में तो जैसे जुए की महफिलें अब आम बात हो गई हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन इलाकों में हर शाम दर्जनों की संख्या में लोग इकठ्ठा होते हैं और लाखों रुपयों की बाज़ी लगाई जाती है। हैरानी की बात ये है कि यह सब कुछ प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। क्या है पुलिस की भूमिका?
प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है — क्या पुलिस इन गतिविधियों से अनजान है या जानबूझ कर आंख मूंदे बैठी है? ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती। कुछ लोगों का यह भी दावा है कि इस अवैध व्यापार में कुछ रसूखदार लोगों की मिलीभगत है।
जवाब कौन देगा?
गौरेला जैसे शांत क्षेत्र में इस तरह का अपराध बढ़ना चिंता का विषय है। युवाओं की जिंदगी खतरे में है, परिवार टूट रहे हैं, और अपराध का ग्राफ चढ़ता जा रहा है। सवाल यह है कि आखिर कब जागेगा प्रशासन?

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT