गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। गौरेला विकासखंड में शिक्षा विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पकरिया के व्याख्याता संलग्न मुकेशधर शर्मा पर सरकारी धन की बंदरबांट का गंभीर आरोप लगा है। शिकायत के अनुसार, शर्मा ने PFMS सिस्टम का दुरुपयोग कर फर्जी हस्ताक्षर के जरिए ₹58,800 की राशि हड़प ली।
जांच में खुले कई राज:
राशि का भुगतान उन कर्मचारियों के नाम पर दिखाया गया, जिनका इस खर्च से कोई लेना-देना ही नहीं था। हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए।
कोषालय के दस्तावेजों में तकनीकी कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर गायब थे, जो कि वित्तीय प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा होता है।
10 और 11 जनवरी 2023 को इमरशन कलर और अन्य सामग्री की खरीद दिखाकर ₹17,000 निकाले गए, जबकि किसी भी कर्मचारी ने इस सामग्री की खरीद की पुष्टि नहीं की।
14 मार्च 2024 को कंप्यूटर मरम्मत के नाम पर ₹9,060 की निकासी हुई, परंतु विद्यालय में कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब विद्यालय के लेखा प्रभारी ने संदेहास्पद लेनदेन की छानबीन की और घोटाले का पर्दाफाश किया।
कड़ी कार्रवाई की सिफारिश,,,
प्रधान पाठक ने मुकेशधर शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर राशि की वसूली करने की सिफारिश की है।
शासन-प्रशासन की चुप्पी संदिग्ध,,
यह घटना सिर्फ एक शिक्षक की नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की गिरती साख की कहानी कह रही है। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शिक्षा विभाग में एक के बाद एक फर्जीवाड़े उजागर हो रहे हैं, लेकिन अब तक किसी बड़े अधिकारी पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। शासन-प्रशासन की यह चुप्पी आम जनता में आक्रोश और अविश्वास को जन्म दे रही है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT